मानसून 2025 के नुकसान का आकलन: उत्तराखंड में पीडीएनए प्रक्रिया बुधवार से शुरू, भारत सरकार को भेजा जाएगा विस्तृत प्रस्ताव

देहरादून, 21 सितंबर।
माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत उत्तराखंड में मानसून सीजन 2025 में राज्य को हुए नुकसान का वास्तविक आकलन करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड्स एसेसमेंट) प्रक्रिया बुधवार से प्रारंभ होगी। यह कदम भारत सरकार से स्पेशल पैकेज प्राप्त करने और प्रभावितों की त्वरित मदद सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

शनिवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में जिलाधिकारियों और विभिन्न विभागाध्यक्षों की बैठक हुई। बैठक में पीडीएनए और एसडीआरएफ मद में आच्छादित एवं अनाच्छादित क्षति का विवरण उपलब्ध कराने के संबंध में निर्देश दिए गए। सचिव सुमन ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पीडीएनए प्रक्रिया जल्द से जल्द संपन्न कर भारत सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

सचिव सुमन ने कहा कि राज्य को इस मानसून सीजन में भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई अकेले एसडीआरएफ मद से संभव नहीं है। ऐसे में भारत सरकार से स्पेशल पैकेज की आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त योजनाओं की एसडीआरएफ मद में कितनी धनराशि दी जा सकती है और कितनी नहीं, इसका स्पष्ट आकलन करें। जिन धनराशियों की प्रतिपूर्ति एसडीआरएफ मद से संभव नहीं होगी, उनके लिए भारत सरकार से विशेष पैकेज का अनुरोध किया जाएगा।

सचिव सुमन ने यह भी बताया कि माननीय मुख्यमंत्री ने बंद सड़कों को जल्द खोलने, बिजली और पानी की क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत शीघ्र कराने और प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया गया है।

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मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन के निर्देशों के अनुसार अगले सप्ताह से सभी विभागाध्यक्ष फील्ड विजिट करेंगे। पहले हफ्ते विभागाध्यक्ष स्वयं जनपदों में रहकर कार्यों की समीक्षा करेंगे, दूसरे हफ्ते द्वितीय वरिष्ठ अधिकारी और तीसरे हफ्ते तृतीय वरिष्ठ अधिकारी फील्ड विजिट करेंगे। इसका उद्देश्य प्रभावित क्षेत्रों में समन्वय स्थापित कर कामों को गति देना और समस्याओं का त्वरित समाधान करना है।

पीडीएनए प्रक्रिया में चार टीमों को राज्य के सभी जनपदों में भेजा जाएगा। प्रत्येक टीम को जिलाधिकारी लीड करेंगे और विभागाध्यक्ष नोडल अधिकारी के रूप में सहयोग देंगे। टीमों का कार्य सभी स्कीम और परियोजनाओं का वास्तविक आकलन करना और उसके अनुरूप भारत सरकार को प्रस्ताव भेजना होगा।

सचिव सुमन ने यह भी बताया कि आपदा के कारण केवल परिसंपत्तियों को ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि लोगों की आजीविका भी प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री श्री धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि लोगों की आजीविका को पुनः पटरी पर लाने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पर्यटन, तीर्थाटन और कृषि से जुड़े लोगों, जैसे होटल, रेस्टोरेंट संचालक, ढाबा संचालक, ड्राइवर, टूरिस्ट गाइड, किसान, फल-फूल विक्रेता, तीर्थ पुरोहित आदि के रोजगार और आजीविका को भी पीडीएनए में शामिल कर आकलन किया जाएगा।

इस अवसर पर अपर सचिव/अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक श्री अभिषेक कुमार आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, श्री ज्योतिर्मय त्रिपाठी तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

पीडीएनए की यह प्रक्रिया राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन में तत्परता और प्रभावितों की राहत के प्रति गंभीर रुख को दर्शाती है।

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