उत्तरकाशी में महसूस हुए भूकंप के झटके — उत्तराखंड-हिमाचल सीमा पर हिली धरती, प्रशासन अलर्ट मोड में

🌍 भूकंप से कांपी पर्वतीय धरती

उत्तरकाशी, 14 अक्टूबर 2025, समय 19:30:10 (IST)।
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में सोमवार शाम धरती हिल उठी जब उत्तरकाशी जिले में भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड-हिमाचल सीमा के समीप मोरी ब्लॉक के निकट रहा। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 मापी गई, जबकि गहराई 5 किलोमीटर रही।


📍 एपिसेंटर और तकनीकी विवरण

भूकंप का सटीक स्थान 31.15° अक्षांश और 77.99° देशांतर पर दर्ज हुआ। यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील ज़ोन में आता है। मोरी ब्लॉक के निकट स्थित यह इलाका पहले भी हल्के झटकों का अनुभव कर चुका है, जिससे यह क्षेत्र लगातार विशेषज्ञों की निगरानी में रहता है।


⚠️ प्रशासनिक सतर्कता और राहत स्थिति

भूकंप के बाद जिला प्रशासन तुरंत सक्रिय हुआ। उत्तरकाशी जिला प्रशासन के अनुसार, अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि या संपत्ति नुकसान की सूचना नहीं मिली है। सभी ब्लॉकों के अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और मोरी क्षेत्र में टीमों को निगरानी हेतु भेजा गया है।
डीएम कार्यालय ने बताया कि “भूकंप के झटकों के बाद क्षेत्र की स्थिति सामान्य है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से लगातार मॉनिटरिंग जारी है।”


🏔️ उत्तराखंड में भूकंपीय इतिहास

उत्तराखंड भूकंपीय दृष्टि से देश के अत्यंत सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। खासकर उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ ज़िले अक्सर भूकंप की घटनाओं से प्रभावित होते हैं। 1991 में उत्तरकाशी भूकंप ने इस क्षेत्र की भौगोलिक संवेदनशीलता को और उजागर किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि हिमालयी भूगर्भीय हलचलों के कारण यहां छोटे-छोटे भूकंप बार-बार आते रहते हैं, जो भूगर्भीय दबाव को संतुलित बनाए रखते हैं।


🧭 वैज्ञानिकों की राय

भूविज्ञानी डॉ. एस.सी. जोशी के अनुसार, “3 से 4 की तीव्रता वाले भूकंप आमतौर पर हल्के झटकों के रूप में महसूस होते हैं और यह क्षेत्र की प्राकृतिक भौगोलिक गतिशीलता का हिस्सा हैं। हालांकि लगातार छोटे भूकंप इस बात का संकेत हो सकते हैं कि धरती के भीतर तनाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है।”


📢 जनता से अपील

प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहें। किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन केंद्र या स्थानीय प्रशासन से तुरंत संपर्क करें।

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