राजस्थान में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सहयोग के लिए सीनियर नेताओं की एक विशेष टीम बनाई है। यह टीम सरकार के लिए एक थिंक टैंक के रूप में काम करेगी। वरिष्ठ नेताओं के साथ सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस को भी जोड़ा गया है। खास बात यह है कि टीम में शामिल राजेंद्र सिंह राठौड़ और प्रभुलाल सैनी इस बार चुनाव हार चुके है। जबकि राव राजेंद्र सिंह को इस बार पार्टी ने टिकट ही नहीं दिया। जल्द ही इस विशेष टीम की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बीएल संतोष के साथ दिल्ली में बैठक भी होनी है।
अब तक सरकारों में मुख्यमंत्रियों के सलाहकार नियुक्त होते रहे लेकिन अब पहली बार मुख्यमंत्री से अलग एक सलाहकार टीम तैयार की गई। मकसद एक ऐसी सरकार स्थापित करना है जिससे स्पष्ट रूप से यह महसूस हो कि यह मुद्दों पर चलने वाली सरकार है। यहां किसी व्यक्ति के बजाय मुद्दों को महत्व दिया जाता है। राजनैतिक जानकारों की माने तो सलाहकार टीम बनाने के बाद राज्य सरकार में केंद्र का दखल और बढ़ जाएगा।
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा बनाई गई इस विशेष टीम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रभुलाल सैनी और राव राजेंद्र सिंह को शामिल किया गया है। राजेंद्र राठौड़ इस बार चुनाव हार गए लेकिन इससे पहले वे लगातार 7 बार विधायक चुने गए। भैरोंसिंह शेखावत और वसुंधरा राजे के कार्यकाल में मंत्री भी रहे। प्रभुलाल सैनी राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, उनके पास कृषि विभाग था जबकि राव राजेंद्र सिंह आर्थिक मामलों में जानकार हैं। वे विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन तीनों सीनियर नेताओं के साथ पार्टी ने एक एक रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस भी साथ जोड़ा है।