देहरादून: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस वर्ष अभूतपूर्व सफलता की ओर बढ़ रही है। उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी/27/2023-24) द्वारा 08 अक्टूबर 2025 को जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 04 मई 2025 से लेकर 07 अक्टूबर 2025 की शाम 7:00 बजे तक कुल 47,29,555 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा का आनंद लिया।
यह आंकड़ा दर्शाता है कि देश-विदेश के तीर्थयात्री इस वर्ष बाबा केदार, भगवान बद्रीनाथ और अन्य प्रमुख धामों के दर्शन के लिए उत्साहित हैं।
धामवार तीर्थयात्रियों की संख्या:
क्र. स. | धाम का नाम | कुल तीर्थयात्री संख्या |
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1. | बद्रीनाथ (04 मई 2025 से) | 14,48,785 |
श्री हेमकुंड साहिब | 2,70,869 | |
2. | केदारनाथ (02 मई 2025 से) | 16,50,925 |
3. | गंगोत्री (30 अप्रैल 2025 से) | 7,23,853 |
4. | यमुनोत्री (30 अप्रैल 2025 से) | 6,25,397 |
केदारनाथ ने तोड़ा 2024 का रिकॉर्ड
केदारनाथ धाम ने इस वर्ष एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। बुधवार, 08 अक्टूबर 2025 तक 16,56,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जो 2024 के पूरे यात्राकाल में 16,52,076 यात्रियों के रिकॉर्ड को पार कर गया है। ध्यान देने योग्य है कि अभी भी धाम के कपाट 23 अक्टूबर, भैयादूज तक खुले रहेंगे।
अकेले बुधवार को केदारनाथ में 5,614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मानसून और बारिश के बावजूद यात्रा का उत्साह कम नहीं हुआ, यह दर्शाता है कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या अभूतपूर्व रही।
अन्य धामों में भी बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भी तीर्थयात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
आपदा के बावजूद युद्धस्तरीय बहाली
गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल को खुलने के बाद यात्रा प्रारंभ हुई। मानसून और अतिवृष्टि के कारण कई जगहों पर भूस्खलन और मलबा गंगा और यमुनोत्री मार्ग पर बाधा डाल रहा था। प्रशासन ने युद्धस्तरीय प्रयास करके मार्गों को दोबारा सुचारू किया और आम जनजीवन के साथ-साथ तीर्थयात्रियों के सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित किए।
सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम:
- सुरक्षा जवानों की तैनाती: यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया।
- यातायात सुचारू: संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी मशीनें तैनात कर मलबा हटाया गया।
- सीएम धामी के निर्देश: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने और किसी भी आपात स्थिति में राहत कार्य तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए।
प्रशासन लगातार तीर्थयात्रियों को सलाह दे रहा है कि खराब मौसम में यात्रा से बचें और मार्ग में सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। इस प्रकार, जहाँ केदारनाथ ने नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं प्रशासन भी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।