सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि अभिनव कुमार, IPS-1996 को पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया जाता है, और दीपम सेठ, आईपीएस-1995 को उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया जाता है।
एडीजी दीपम सेठ आज सोमवार को दून आकर अपना मूल कैडर ज्वाइन करेंगे। सूत्रों के अनुसार ज्वाइन करने के बाद उन्हें पुलिस की कमान सौंपने की तैयारियां भी की जा रही हैं। इस संबंध में शासन स्तर पर सारी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं। आईपीएस दीपम सेठ 1995 बैच के अधिकारी हैं और वे वर्ष 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि अब तक पूरी भी नहीं हुई थी कि शासन ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर दीपम सेठ को वापस बुलाने की मांग की। केंद्र सरकार ने इस मांग को पूरा करते हुए अगले ही दिन उन्हें रिलीव भी कर दिया। दीपम सेठ वर्तमान में उत्तराखंड कैडर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी बन गए हैं। पिछले साल पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद से उनकी वापसी की चर्चाएं चल रही थीं।
उत्तराखंड सरकार ने दीपम सेठ का नाम भी डीजीपी के पैनल में शामिल कर UPSC को भेजा था। लेकिन, वह प्रतिनियुक्ति से वापस नहीं आए थे। ऐसे में सभी जरूरी अर्हताएं पूरी करने वाले अधिकारियों में एडीजी अभिनव कुमार का नंबर आ गया था। उन्होंने पिछले साल 30 नवंबर को प्रदेश के 12वें डीजीपी के रूप में उत्तराखंड पुलिस की कमान संभाली थी।
फिर से पिछले दिनों डीजीपी के चयन के लिए एक पैनल यूपीएससी को भेजा गया था, लेकिन इस बार पैनल में अभिनव कुमार का नाम शामिल नहीं किया गया था। इस दौरान डीजीपी अभिनव कुमार ने गृह सचिव को पत्र लिखकर यूपी की तर्ज पर यहां डीजीपी का चयन करने की सिफारिश की थी। उन्होंने पत्र में मौजूदा उत्तराखंड पुलिस एक्ट के नियमों का हवाला भी दिया था। जिसमें दो साल के लिए शासन की समिति ही डीजीपी का चयन कर सकती है। लेकिन, अब एकाएक बीते शुक्रवार को गृह विभाग की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखकर IPS दीपम सेठ को वापस भेजने की मांग की गई। केंद्र सरकार ने गृह विभाग की इस मांग को भी अगले ही दिन स्वीकृत कर दीपम सेठ को शनिवार को रिलीव कर दिया गया।