राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि वे पार्वती-कालीसिंध-चंबल एवं ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी प्रोजेक्ट) का शिलान्यास उपचुनावों के दरम्यान नहीं करें। ऐसा करना नैतिक रूप से अनुचित है। जूली ने कहा कि यह प्रोजेक्ट कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और वे इसके शिलान्यास के खिलाफ नहीं हैं।
कांग्रेस तो बार-बार यह मांग कर रही है कि राज्य के हित में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए, तभी राजस्थान के हितों की रक्षा हो पाएगी। जूली ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को भाजपा सरकार समझने में विफल रही है। इस प्रोजेक्ट पर कांग्रेस शासन में करीब दस हजार करोड़ रुपये की बजट राशि आवंटित की गई थी। इसके लिए ईआरसीपी निगम का भी गठन हुआ था और हाड़ौती की कालीसिंध नदी पर नोनेरा बांध ईआरसीपी प्रोजेक्ट में बनकर तैयार हुआ पहला बांध है, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में बना। इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट में ईसरदा बांध का भी नवनिर्माण कर छह शहरों और 1250 गांवों की पेयजल समस्या का निदान किया गया।
जूली ने कहा कि चुनाव के दरम्यान प्रधानमंत्री के हाथों इसका शिलान्यास कराने की भाजपा सरकार की चेष्टा अनुचित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय यदि चुनावों के दौरान इसकी अनुमति देता है तो इससे प्रधानमंत्री की गरिमा पर सवाल खड़ा होता है। 13 नवंबर को मतदान से पहले शिलान्यास नहीं हो इस बारे में कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग को अवगत कराएगी तथा चुनाव आयोग से दखल की मांग करेगी।
जूली ने कहा कि भाजपा सात सीटों में से एक भी सीट पर नहीं जीत रही है इसलिए वह कांग्रेस की प्रचण्ड जीत की स्थिति से घबराकर सत्ता का दुरुपयोग करने पर आमदा है।