22 जनवरी को उत्तराखंड के 18 राम मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, यह हो रही है खास तैयारी

उत्तराखंड में राम के 18 प्रमुख मंदिर हैं। इनमें से गढ़वाल में दस जबकि कुमाऊं में आठ स्थित हैं। राज्य में राम के कई मंदिर प्राचीन व पौराणिक हैं, जबकि कुछ का निर्माण पिछले कुछ दशकों के दौरान हुआ है। इन सभी मंदिरों को लेकर इन दिनों श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ा हुआ है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों का असर इन मंदिरों पर साफ दिखाई दे रहा है और यहां भी उस दिन भव्य आयोजन की तैयारी है।

देवप्रयाग में अलकनंदा, भागीरथी के संगम पर प्राचीन रघुनाथ मंदिर है। मूल मंदिर को 8वीं शताब्दी का आदिशंकराचार्य द्वारा निर्मित माना जाता है। 1803 के भूकंप के बाद ग्वालियर महाराजा दौलतराव सिंधिया ने इसका जीर्णोद्धार कराया। मंदिर परिक्रमा में चट्टान पर प्रथम सदी के ब्राहमीलिपि में खुदे 19 नाम और माहापाषण कालीन शिला वृत इसकी प्राचीनता को दिखाते हैं।

कत्यूरी शैली में बने रघुनाथ मंदिर में मंडप, गर्भगृह व शिखर पर आमलक बना है। प्रांगण में प्राचीन पत्थर की छत्री बनी है जिसमें राम नवमी, बसंत पंचमी और विजयादशमी को भगवान् की उत्सव मूर्ति रखी जाती है। मंदिर के पुजारी पंडित समीर पंचपुरी ने बताया कि वैसे तो मंदिर में हमेशा ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की वजह से कुछ चहल पहल बढ़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *