लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा सीट पर हैट्रिक लगाने वाले सांसद अजय टम्टा ने दोबारा केंद्र सरकार में मंत्री बनने में सफलता हासिल की है। केंद्र से लेकर प्रदेश की राजनीति में वह जातीय समीकरणों में फिट बैठे जिसका लाभ उन्हें और प्रदेश को मिला है। उत्तराखंड भाजपा में जातीय समीकरणों के लिहाज से उन्हें अनुसूचित जाति वर्ग का सांसद होने का लाभ मिला है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर पंडित चेहरा और क्षत्रिय चेहरे के रूप में मुख्यमंत्री पहले से हैं। ऐसे में सारे कयासों को विराम देते हुए पीएम 3.0 में जगह पाने में अजय टम्टा कामयाब हुए। भाजपा ने केंद्र में अजय टम्टा को मंत्रिमंडल में शामिल कर प्रदेश और देश की राजनीति में जातीय समीकरणों को साधने का काम किया है।
पीएम ने मांगे थे उत्तराखंड से पांच कमल
लोकसभा चुनाव प्रचार में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऋषिकेश आए थे, तो उन्होंने देवभूमि के लोगों से पांच कमल मांगे थे। पांच सीटें जिताकर उत्तराखंड ने पीएम को अपना तोहफा दे दिया, लेकिन अपने दम पर भाजपा की सरकार न बनने और बदली हुई परिस्थितियों में गठबंधन की सरकार गठन की संभावना के बीच उत्तराखंड को पीएम से रिटर्न गिफ्ट मिलने की संभावनाएं फिफ्टी-फिफ्टी थीं, लेकिन टम्टा को मंत्री बनाकर पीएम ने राज्य की मुराद पूरी कर दी।
…इसलिए मिला मौका
वर्ष अजय टम्टा जीतें
2014 95,690 मतों से जीते
2019 2,32,986 वोटाें से जीत
2024 आरक्षित सीट पर जनता ने उन्हें लगातार तीसरी बार संसद भेजा है वो भी रिकॉर्ड 2,34000 से अधक मतों से।