नानकमत्ता के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने पंजाब के तरनतारन निवासी सरबजीत सिंह समेत पांच आरोपितों के विरुद्ध हत्या व हत्या की साजिश की प्राथमिकी कर ली है। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपितों में पूर्व आइएएस का नाम भी शामिल है।
जसवीर सिंह निवासी चारुबेटा खटीमा ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया है कि 28 मार्च को डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह परिसर में बाहर कुर्सी पर बैठे थे। तभी बाइक सवार दो लोग पहुंचे उन्होंने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। हमलावरों ने सेवादार जसपाल सिंह पर भी फायर किया।
घटनास्थल पर मौजूद अन्य सेवादारों ने हमलावरों गोली चलाते, हमला कर भागते हुए देखा। दोनों हमलावर 19 मार्च से गुरुद्वारा परिसर में भाई मरदाना यात्री निवास के कमरे में ठहरे हुए थे। दोनों हमलावरों को डेरा कारसेवा में दो दिन पहले घूमते देखा था। जिसमें से एक आरोपित का नाम सरबजीत सिंह पुत्र स्वरुप सिंह निवासी ग्राम मियांविड जिला तरनतारन (पंजाब) कमरे में मिली आइडी से तस्दीक हुआ है।
दोनों हमलावर सराय में रहने के लिए बिना वाहन आए थे। उनके पास तब कोई हथियार भी नहीं देखा गया था। जिससे प्रतीत होता है कि हमलावरों को बाइक और हथियार स्थानीय व्यक्ति ने उपलब्ध कराया। बाइक में पीछे बैठा हमलावर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टा पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी ग्राम सिहौरा थाना बिलासपुर जिला रामपुर(उप्र) का है।
गुरुद्वारा साहिब की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने से रोकते थे बाबा
जसवीर ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह गुरुद्वारा साहिब की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने से रोकते थे। इस कारण तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह संधु निवासी खेमपुर गदरपुर, गुरुद्वारा प्रबधंक कमेटी के पदाधिकारी व अन्य लोगों की भूमिका भी संदिग्ध है। पांच दिन पूर्व बिलहरा थाना अमरिया निवासी फतेहजीत सिंह खालसा ने फेसबुक पर एक पोस्ट प्रसारित की थी। ऐसे में उस पर भी डेरा प्रमुख की हत्या में शामिल होने का संदेह है।
पुलिस ने जसवीर की तहरीर पर सरबजीत सिंह व अमरजीत सिंह के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री नानकमत्ता साहिब के प्रधान और पूर्व आइएएस हरबंस सिंह चुघ, तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह संधू और गुरुद्वारा श्री हरगोविंद सिंह रतनपुरा नवाबगंज (उप्र) के मुख्य जत्थेदार बाबा अनूप सिह के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है।