कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने तक भी हरिद्वार और नैनीताल संसदीय सीट पर फंसा टिकटों पर पेच नहीं सुलझा पाई है। मंगलवार को कई दौर के मंथन के बावजूद, दोनों सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हो पाई। नेता अब बुधवार शाम तक टिकट घोषित होने का दावा कर रहे हैं।
नई दिल्ली में मंगलवार को प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने प्रभारी कुमारी शैलजा और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भक्त चरण दास के साथ बैठकर हरिद्वार तथा नैनीताल लोकसभा सीट को लेकर फिर मंथन किया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता विपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह शामिल रहे।
सूत्रों के अनुसार, हरिद्वार में हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट देने की पैरवी कर रहे हैं, जबकि पार्टी की पहली प्राथमिकता हरीश रावत हैं। यहां टिकट को लेकर पिता-पुत्र की चर्चा के बीच प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का दावा भी मजबूत है।
हरिद्वार सीट के चक्कर में ही नैनीताल सीट को लेकर भी अंतिम निर्णय नहीं हो पा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला अब पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और केसी वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ नेताओं के स्तर से ही होगा।
हाथ में धनुष-बाण हैं, सामने चुनाव की चुनौती भी है, लेकिन वो किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में हैं। लोग इस पोस्ट के कई मायने निकाल रहे हैं।