उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश भर में सभी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स, संविदा सहित दैनिक वेतन कर्मचारियों का डाटा इकट्ठा कर कोर्ट में पेश करने को कहा है। ताकि इनके हित के लिए कोई योजना बनाई जा सके। डाटा देने के लिए सरकार को तीन सप्ताह का वक्त दिया गया है।
वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतनमान देने एवं उन्हें नियमित किए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिए। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई।
मामले के अनुसार, वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि वे पिछले कई वर्षों से विभाग में कार्यरत हैं। उन्हें न तो नियमित किया जा रहा और न ही न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा है।
पूर्व में उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने इन कर्मचारियों के हित में फैसला देते हुए कहा कि उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाए और नियमित किया जाए। सरकार ने इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास ये पद स्वीकृत नहीं हैं।