भाजपा का इन दिनों संगठन पर्व चल रहा है. इस पर्व में राजस्थान में सर्वसम्मति से बूथ से लेकर प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराने की कवायद में राजस्थान भाजपा है, ताकि इसको कार्यकर्ताओं के बीच एक पर्व की तरह मनाया जा सके. साथ ही मिशन 2028-29 को देखते हुए भी निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी. संगठन के इस चुनाव में हाल ही में हुए उपचुनाव और सदस्यता अभियान की परफॉर्मेंस का असर दिख सकता है.
सदस्यों के लिहाज से विश्व की सबसे बड़ी पार्टी मानी जाने वाली भाजपा ने अब संगठन स्तर पर भी चुनावी मुहिम में कुछ खास फोकस किया है. पार्टी स्तर पर भाजपा ने इसे पर्व का नाम दिया है और इसी तर्ज पर चुनाव भी आगे बढ़ा रहे हैं. बूथ से लेकर प्रदेश स्तर पर भाजपा सर्वसम्मति से चयन को तवज्जो दे रही है, ताकि कार्यकर्ताओं के बीच अलग ही मैसेज जाए.
राजस्थान प्रदेश के चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने बताया कि दिसंबर महीने में 51735 बूथ, 1135 मंडल, 44 जिलों की चुनावी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी. इसमें व्यक्ति को सक्रिय सदस्य होना जरूरी है और जिलाध्यक्ष के लिए 6 साल की सक्रिय सदस्यता की अनिवार्यता है. पंचारिया ने कहा कि हिंदुस्तान में एकमात्र भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है जो 365 दिन 24 घंटे काम करती है. केवल सत्ता प्राप्ति के लिए राजनीति नहीं करते, इसके अलावा सामाजिक सरोकार का काम करते हैं. पिछले दिनों राजस्थान में अभियान चला था इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री की एक पेड़ मां के नाम की. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हर गांव, बूथ पर वृक्षारोपण कार्यक्रम कर लाखों की तादाद में पेड़ लगाकर सामाजिक सरोकार को निभाया.
पंचारिया ने कहा कि इस संगठन की संरचना में चुनावी व्यूह रचना दिखेगी. राजस्थान के 2028 विधानसभा चुनाव और केंद्र के 2029 के चुनावों की व्यूह रचना संगठन पर्व के तहत की जा रही है. पंचारिया ने बताया कि इस चुनाव में हर बूथ पर वॉट्सएप ग्रुप बनेगा, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा. इसके लिए एक लाभार्थी प्रमुख भी बनाया जाएगा जो योजनाओं को धरातल तक दिखाया जाएगा. इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात के लिए भी हर बूथ पर प्रमुख बनेगा जो बूथ स्तर पर मन की बात कार्य कार्यक्रम से स्थानीय लोगों को जोड़ने का काम करेगा.