राजस्थान की राजधानी के जयपुरिया अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की गैरमौजूदगी में अस्पताल के डॉक्टर का ड्राइवर मरीजों का इलाज कर रह था। यह घटना तब चर्चा में आई जब अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का इलाज करते हुए ड्राइवर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
मामले को लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेश मंगल ने कहा कि मामला गंभीर है। अस्पताल में किसी भी गैर-चिकित्सकीय स्टाफ को इलाज करने की अनुमति नहीं है। वीडियो सामने आने के बाद नाहर सिंह को तुरंत सेवा से हटा दिया गया है। डॉ. मंगल ने यह भी स्पष्ट किया कि नाहर सिंह उनका निजी ड्राइवर नहीं था, बल्कि एंबुलेंस के ड्राइवर के तौर पर नाइट ड्यूटी पर तैनात था।
जांच कमेटी का गठन, होगी कड़ी कार्रवाई
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सा विभाग भी इस घटना को गंभीरता से ले रहा है, अधीक्षक से मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने राहत की सांस ली कि इस दौरान किसी मरीज की हालत गंभीर नहीं हुई, अन्यथा मामला और बिगड़ सकता था। इस घटना ने सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं और आमजन के बीच स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।