हरिद्वार के एक आश्रम के अध्यक्ष संत के ब्रह्मलीन होने के बाद फर्जी ट्रस्ट बनाने का मामला सामने आया है। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने ट्रस्ट के महासचिव की शिकायत पर आरोपी संतों और भाजपा नेता समेत 20 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
तृतीय अपर सिविल जज (जेडी) की कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में नारायण निवास आश्रम ट्रस्ट भूपतवाला के महासचिव दीपक कुमार निवासी सत्यम विहार हरिद्वार ने बताया कि आश्रम के अध्यक्ष स्वामी महंत रामेश्वरानंद थे। आरोप है कि उनके यहां कार्यरत एक संत स्वामी अवधेशानंद ने उन्हें बहला फुसलाकर एक रजिस्टर्ड वसीयत अप्रैल 2019 में अपने हक में करा ली।
जब स्वामी रामेश्वरानंद को अवधेशानंद की नीयत पर संदेह हुआ, तब उन्होंने दो माह बाद वसीयत निरस्त करा दी। संपत्ति को खुर्दबुर्द करने का अंदेशा होने के मद्देनजर स्वामी रामेश्वरानंद ने नारायण निवास आश्रम धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया। इसे अगस्त 2019 में सब-रजिस्ट्रार के यहां पंजीकृत कराया।
ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी रामेश्वरानंद खुद थे, जबकि अन्य पदाधिकारी भी बनाए गए। उनकी मृत्यु के बाद स्वामी अवधेशानंद ने खुद को शिष्य बताते हुए दिसंबर 2019 में एक नए ट्रस्ट का गठन कर लिया। आरोप है कि स्वामी रामेश्वरानंद ने अपने जीवनकाल में ही ट्रस्ट बना दिया था। न तो ट्रस्ट को भंग किय गया था, न ही ट्रस्ट का कोई चुनाव हुआ था।
यही नहीं स्वामी अवधेशानंद को आश्रम का महंत भी नहीं बनाया गया। जिन संतों की मौजूदगी में वह स्वयं अध्यक्ष बने, उनका गरीबदासी परंपरा से कोई लेना देना नहीं है। आरोप है कि संपत्ति कब्जाने की नीयत से फर्जी ट्रस्ट बनाया गया है।
पुलिस ने अवधेशानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि निवासी भारत माता मंदिर, भाजपा नेता विदित शर्मा, एबीवीपी नेता रितेश वशिष्ठ समेत 20 के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है।