राजस्थान में सरकारी योजनाओं को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। सूबे में हाल ही में सत्तासीन हुई भाजपा गहलोत सरकार की कई योजनाओं को बंद कर रही है। ऐसे में कांग्रेस भाजपा का घेराव कर रही है। विधानसभा में आज इसी को लेकर गहमागहमी का दिन रहा। मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने भजनलाल सरकार द्वारा बंद किए गए राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की मांग की है। इस योजना के तहत, सरकारी सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए ‘युवा मित्रों’ को लगाया गया और उन्हें वजीफा दिया जाता था।
कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि 5,000 युवा मित्र लगे थे लेकिन बीजेपी सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया और इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए। भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत ने कहा कि प्रभावित युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके परिवार पीड़ित हैं।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने सरकार से जवाब की मांग की, लेकिन अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उन्हें मामले को आगे उठाने की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विरोध करते हुए सदन से वाक-आउट किया। इससे पहले, प्रश्नकाल के दौरान गृह मंत्री की ओर से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि पेपर लीक मामले की जांच विशेष जांच दल कर रही है और अगर एजेंसियां उचित समझेंगी तो आगे की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। वह राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल के सवाल का जवाब दे रहे थे।