उत्तराखंड की 227 ग्राम पंचायतें को मिलेगी यह सुविधाएं, ब्रॉडबैंड से जोड़ने के लिए धामी सरकार ने की प्लानिंग

उत्तराखंड की 227 ग्राम पंचायत जल्द ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जुड़ेंगी। इससे पहले इन गांवों के पंचायत भवनों का भी अनिवार्य रूप से विद्युतीकरण किया जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शनिवार को भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत आयोजित बैठक में अफसरों को यह निर्देश दिए।भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड के लगभग 697 ग्राम पंचायत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़े जाने हैं। इनमें से 470 ग्राम पंचायतों में कई जगह बिजली पहुंच चुकी है जबकि कहीं यह प्रक्रिया चल रही है। अफसरों ने बताया कि 339 ग्राम पंचायतों में स्थायी कनेक्शन के साथ बिजली पहुंच चुकी है।

173 ग्राम पंचायतों ने यूपीसीएल को आवश्यक शुल्क का भुगतान कर दिया है। 43 ग्राम पंचायतों को शहरी क्षेत्र में हस्तांतरित कर दिया गया है, जहां इनमें से 33 के विद्युतीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है और शेष 10 साइटों को विद्यालयी शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग को हस्तांतरित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि 98 ग्राम पंचायतों को बिना ग्राम पंचायत भवन की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है, जो अनिश्चितता की स्थिति में है। वहीं 44 ग्राम पंचायतें बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने और भुगतान करने की प्रक्रिया में हैं।मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य की कठिन भौगोलिक स्थिति, सामरिक महत्व और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए समयबद्ध तरीके से दोनों कार्य निश्चित अवधि में पूरे किए जाने हैं।

यूपी से समन्वय बनाएं मुख्य सचिव रतूड़ी ने दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेस वे और देवबंद- रुड़की रेलवे लाइन प्रोजेक्ट्स के त्वरित क्रियान्वयन के के लिए संबंधित विभागों को हिदायत दी। उन्होंने कहा कि इनमें जो अड़चने आ रही हैं उसके लिए यूपी शासन से प्रभावी समन्वय किया जाए।विदित है कि एनएचआई ने राज्य सरकार को जुलाई के अंत तक दून-दिल्ली एक्सप्रेस वे गणेशपुर तक शुरू करने का वादा किया था। बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, पंकज कुमार पांडे मौजूद रहे।

महिलाओं को वाटर टेस्टिंग की जानकारी दें
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शहरी विकास विभाग के अफसरों को अमृत-दो के राज्य में संचालित प्रोजेक्ट्स की नियमित मॉनिटरिंग निर्देश दिए। इसके साथ ही पेयजल की गुणवता की मॉनिटरिंग में आमजन की भागीदारी बढ़ाने के लिए नागरिकों को प्रशिक्षण देने को कहा। विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों को वॉटर टेस्टिंग की ट्रेनिंग तथा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन के संबंध में जानकारी दी जाए।

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