जल जीवन स्कैम में ED का बड़ा एक्शन, पूर्व मंत्री महेश जोशी का करीबी संजय बड़ाया गिरफ्तार

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने जल जीवन मिशन घोटाले (Jal Jeevan Mission Scam) में बड़ा एक्शन लिया है। जल जीवन मिशन घोटाले के सिलसिले में ईडी ने कल शाम संजय बड़ाया को गिरफ्तार किया। बड़ाया पर इस मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाने का आरोप है।बड़ाया से ईडी के जयपुर कार्यालय में पूछताछ की जा रही है। मामले में ईडी ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धाराओं के तहत यह चौथी गिरफ्तारी की है।

ED ने संजय बड़ाया को किया गिरफ्तार

ईडी ने बड़ाया को गांधीनगर स्थित विशेष जज के आवास पर पेश किया। बता दें कि जल जीवन मिशन घोटाला मामले में ईडी ने संजय के घर पर पहले सर्च अभियान भी चलाया था। संजय उन लोगों में शुमार है, जिनकी मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टेंडर दिए गए।संजय को पूर्व मंत्री महेश जोशी का करीबी भी माना जाता है। इससे पहले ईडी ने पदम चंद जैन और महेश मित्तल को भी गिरफ्तार किया है। संजय से पूछताछ में कुछ अहम खुलासे हो सकते हैं।

कैग ने वित्त विभाग को दी थी चेतावनी

आरोप है कि जल जीवन मिशन परियोजना में वित्त विभाग के अफसरों ने पहले पेयजल विभाग के राजस्व का पैसा राज्य सरकार की संचित निधि में जमा करवाने के बजाय सीधे RWSSC के पीडी खातों में ट्रांसफर किया। इसके बाद RWSSC से भी यह राशि सीधे जल जीवन मिशन के खातों में ट्रांसफर कर दी गई।इस पर कैग ने बार-बार आपत्ति जताई थी। साथ ही वित्त विभाग को ऐसा करने से मना किया था। मामले के खुलासे के बाद वित्त विभाग में हड़कंप मच गया था। वित्त विभाग ने सीएजी को एक लेटर भी लिखा था। इसमें RWSSC की तुलना DISCOMs से की गई थी। मामले को दबाने की कोशिश की गई और कैग ने इसे खारिज कर दिया था।

900 करोड़ रुपए का है घोटाला

जल जीवन मिशन के 900 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले की जांच एसीबी, ईडी और सीबीआई भी कर रही है। इस मामले में ED ने 2023 सितंबर में जयपुर और अलवर में नौ जगह छापे मारे थे। जिसमें महेश मित्तल, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बढ़ाया, कल्याण सिंह कविया, विशाल सक्सैना, माया लाल सैनी, पद्म चंद जैन, तहसीलदार सुरेश शर्मा और अमिताभ कौशिक के यहां सर्च अभियान चलाया था।इस दौरान अभियान में 2.50 लाख नगद, एक किलो सोने की ईंट और करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागजात और कुछ अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम से लेन देन के कागजात भी मिले थे।

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