नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा के बाद अब यमुना नदी को संवारने पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए पेयजल निगम,यमुना में नालों व सीवर का गिरना बंद करते हुए सीवरेज प्रोजेक्ट तैयार करेगा। यमुना के घाटों का सौंदर्यीकरण करते हुए उन्हें भी संवारा जाएगा।नमामि गंगे परियोजना में अभी तक गंगा से जुड़े प्रोजेक्ट मंजूर कराए गए हैं। अब नई परियोजना को स्वीकृत कराने के क्रम में गंगा से जुड़े प्रोजेक्ट नहीं है। पेयजल निगम ने बीच में गंगा के अलावा कुमाऊं मंडल से जुड़ी गंगा की सहायक नदियों के लिए भी प्रोजेक्ट मंजूर कराए।
इन सभी पर काम भी शुरू हो चुका है। अब अगले चरण में यमुना से जुड़े इलाकों में सीवरेज योजनाओं से जुड़े प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। इसमें जानकीचट्टी से बड़कोट, नौगांव, यमुना पुल, कालसी,डाकपत्थर,विकासनगर, हरर्बटपुर क्षेत्रों में सीवर से जुड़े काम किए जाएंगे।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा। नदी में गिरने वाले गंदे नालों को टैप किया जाएगा। यमुना किनारे सौंदर्यीकरण के कार्यों के लिए घाटों को भी गंगा नदी की तर्ज पर संवारा जाएगा। इसके तहत डाकपत्थर और कालसी क्षेत्र पर विशेष फोकस किया जाएगा।नमामि गंगे के तहत यमुना नदी से जुड़े क्षेत्रों में भी काम शुरू कराए जाएंगे। इसके लिए यमुना के रूट पर पड़ने वाले शहरों में सीवर नेटवर्क को विस्तार दिया जाएगा। साथ ही एसटीपी और सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।