बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. हरबंस सिंह चुघ के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। चुघ के साथ तराई सिख महासभा के अध्यक्ष प्रीतम सिंह संधू और रामपुर के नवाबगंज में डेरा संचालक बाबा अनूप सिंह को भी मामले में साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है।
चुघ वर्तमान में नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष हैं। पुलिस के अनुसार, उक्त तीनों की भूमिका जमीन के विवाद के चलते संदिग्ध बताई जा रही है। नानकमत्ता धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह के कत्ल के मामले में गुरुवार रात पुलिस को तहरीर मिलने के बाद नया मोड़ आ गया।
डेरा कार सेवा के सेवादार जसवीर सिंह की ओर से दी तहरीर में हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो आरोपियों के साथ उक्त तीनों के भी मामले में शामिल होने का संदेह जताया गया है। तहरीर में बताया गया है कि बाबा तरसेम सिंह डेरा कार सेवा की संपति को खुर्द-बुर्द होने से रोकते थे।
डॉ.चुघ, प्रीतम सिंह संधू व बाबा अनूप सिंह को ये नागवार गुजरता था, ऐसे में बाबा की हत्या में उक्त तीनों की भूमिका संदिग्ध है। संधू के खिलाफ पहले से चल रहे एक अन्य मुकदमे में बाबा तरसेम सिंह वादी पक्ष की मदद कर रहे थे, इसलिए भी उनकी भूमिका को संदिग्ध बताया गया है। इस मामले में पुलिस अब तक पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है।