उत्तराखंड में बिजली चोरी रोकने को बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। पहले चरण में देहरादून शहर में 845 किमी लंबी बिजली लाइनें अंडरग्राउंड होंगी। राजधानी देहरादून के बाद हल्द्वानी, नैनीताल शहरों में बिजली लाइनों पर काम होगा। विदेशों की तर्ज पर देहरादून शहर में बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड किए जाने का काम जल्द पूरा होगा।एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने बताया कि उत्तराखंड क्लाइमेट रिजिलिअन्ट पावर सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत देहरादून शहर के मुख्य सड़कों पर बिजली लाइनों को अंडर ग्राउंड किया जाएगा। इस योजना के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक की ओर से अनुदान और ऋण उपलब्ध कराया गया है। देहरादून शहर में 475 किलोमीटर एचटी और एलटी लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा।
इसमें 11 केवी की 220 किलोमीटर से अधिक और लो वोल्टेज की 150 किलोमीटर से अधिक की लाइनें शामिल हैं। इसके लिए शहर को तीन क्षेत्रों में बांटा गया है। पहले लॉट में दून सेंट्रल और नॉर्थ डिवीजन का क्षेत्र शामिल है।लॉट दो में साउथ डिवीजन और लॉट थ्री में रायपुर, मोहनपुर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को शामिल किया गया है। अभी सभी लॉटस का सर्वे एवं ज्वाइंट सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है। लोनिवि, एनएचएआई और एनएच की मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
घंटाघर, किशन नगर चौक, रेलवे स्टेशन, बहल चौक, सर्वे चौक, आराघर चौक के आस पास की सड़कों की बिजली लाइनों का अंडरग्राउंड का काम पूरा हो चुका है। मसूरी डायवर्जन से दिलाराम चौक, किशननगर चौक से बल्लूपुर चौक, घंटाघर से तहसील चौक, तहसील चौक से प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन से ग्राफिक ऐरा चौक, आराघर से रिस्पना एवं सर्वे चौक से डीईएएल क्षेत्रों की लाइनों को अंडरग्राउंड करने का काम एडीबी प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है।
लाइनों को अंडरग्राउंड किए जाने से मिलेंगे ये लाभ
एमडी यूपीसीएल ने बताया कि बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड किए जाने से रखरखाव की समस्या समाप्त होगी। बेहद कम रखरखाव करना होगा। तेज हवा, बारिश और पेड़ों की शाखाओं के गिरने से बिजली सप्लाई प्रभावित नहीं होगी। फॉल्ट कम आएंगे और रखरखाव की लागत कम आएगी। बिजली का लाइन लॉस कम होगा। दुर्घटनाओं का खतरा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। शहर की सड़कों पर बिजली लाइनों का जाल समाप्त होगा। शहर का सौंदर्यकरण होगा।