शासन ने राष्ट्रीय खेलों के कैंप 15 नवंबर से आयोजित करने का आदेश पत्र तो जारी कर दिया, लेकिन कैंप में सरकार की ओर से सहयोग करने वाले सभी जिलों के खेल अधिकारी (डीएसओ) देहरादून में चल रहे युवा महोत्सव में तैनात हैं। अन्य जिलों में कैंप तो लग रहे हैं, लेकिन डीएसओ की गैरमौजूदगी और निर्णयों के अभाव में व्यवस्थाएं आधी-अधूरी हैं। इस कारण तीन खेलों के कैंप ऐन मौके पर शिफ्ट करने पड़े हैं।
सवाल उठ रहे हैं कि जब कैंपों की व्यवस्था ही लड़खड़ा रही है तो खिलाड़ियों का चयन और प्रशिक्षण कैसा होगा। 150 रुपये में होटल कहां मिलता है? अभी तक खिलाड़ियों के खाने और रहने के भत्तों से संबंधित पिछले शासनादेश में संशोधन भी लंबित है। राज्य में अभी भी साल 2021 का शासनादेश प्रभावी है, जिसके अनुसार राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले हरेक खिलाड़ी को 250 रुपये पूरे दिन के खाने का भत्ता और 150 रुपये होटल का भत्ता देने का प्रावधान है।सवाल है कि इतने कम रुपयों में कैसे राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी गुजारा कर सकते हैं। इसलिए खाने का भत्ता 480 और रहने का भत्ता 800 रुपये करने का संशोधन भेजा गया है, जिस पर अभी तक अनुमति नहीं मिली है। 800 रुपये भत्ता मिलता है तो दो खिलाड़ी मिलकर एक रूम शेयर कर सकते हैं।
खेल संघों ने रखी बात
हरिद्वार, देहरादून, रुद्रपुर और हल्द्वानी में कैंप लगाने की तैयारी कर रहे खेल संघों का कहना है कि सभी जिला खेल अधिकारी बीती नौ नवंबर से देहरादून में युवा महोत्सव और स्पोर्ट्स साइंस की कार्यशालाओं में व्यस्त हैं, जिसकी वजह से कैंप लगाने संबंधी निर्णय होने में काफी मुश्किलें आई हैं।
आखिरी समय में ताइक्वांडो का जो कैंप हल्द्वानी में लगना था, उसे बागेश्वर में शिफ्ट करना पड़ा है। मॉडर्न पेंटाथलॉन का कैंप हल्द्वानी से काशीपुर शिफ्ट किया है। तलवारबाजी का कैंप रुद्रपुर के स्टेडियम की जगह एक प्राइवेट स्कूल में शिफ्ट किया है। एक खेल संघ के पदाधिकारी ने कहा कि जैसे-तैसे कैंप लगाए जा रहे हैं, क्योंकि अभी भी खिलाड़ियों की कोचिंग शुरू नहीं करेंगे तो मेडल प्रभावित होगा।