दौसा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक बार फिर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल पर बिना पर्ची के नहीं चलने वाली सरकार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीते कल मुख्यमंत्री भजनलाल नामांकन करवाने गए थे, जहां उन्हें कैंडिडेट का नाम याद नहीं रहा और यशवंत-जसवंत कहने लगे फिर पीछे से पर्ची आई तो पता लगा कि उनका नाम जसवंत नहीं खुशवंत है। बस यहीं पर जूली गड़बड़ा गए, मुख्यमंत्री की खिल्ली उड़ाते-उड़ाते वे खुद ये भूल गए कि रामगढ़ के जिस भाजपा प्रत्याशी की बात वो कर रहे हैं, उसका नाम खुशवंत नहीं बल्कि सुखवंत है।
राजस्थान में हो रहे उपचुनाव में अब स्थिति यह बन गई है कि नेताओं को हर हाल में चुनाव जीतना है, जिसके लिए फिर किसी भी नेता पर किसी भी तरह का आरोप लगाना पड़े। दौसा में कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा की नामांकन सभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा सहित दर्जनों कांग्रेस के नेता पहुंचे, जहां सारे नेताओं ने एक सुर में भाजपा पर हमला बोला।
सभी नेताओं के टारगेट पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नजर आए, जहां नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भजनलाल तो ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो भरी विधानसभा में यह कहते हैं कि मैं जब सरपंच हुआ करता था, तब नरेगा का काम अच्छा करवाता था, जिसके लिए आसपास के सरपंचों के मेरे पास फोन आते थे। इस पर मैंने मुख्यमंत्री से एक बार पूछ ही लिया कि आप कौन से सन् में सरपंच थे। उन्होंने अपने सरपंच होने का जो साल बताया उस समय तो नरेगा था ही नहीं। इसलिये ही मैं कहता हूं कि भाजपा वाले झूठ बोलते हैं।