हल्द्वानी हिंसा में पथराव-आगजनी करने वाले 75% युवा, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएशन तक की कर चुके पढ़ाई

हल्द्वानी के वनभूलपुरा हिंसा में आठ फरवरी को हुए दंगों में पुलिस अभी तक 68 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें सर्वाधिक 75 फीसदी संख्या युवाओं की है। ये वह युवा हैं जिनकी आयु 18-30 के बीच की है।

हिंसा वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल वीडियो रिकॉर्डिंग में पुलिस को ये दिखे हैं। जिसमें युवाओं के अलावा नाबालिग लड़के भी पथराव आगजनी करते नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी तक गिरफ्तार आरोपियों में शिक्षित युवाओं की संख्या कम है।

पुलिस वनभूलपुरा हिंसा मामले की जांच कर रही है। वीडियो फुटेट और सीसीटीवी रिकॉर्डिंग खंगाली जा रही है। हिंसा की साजिश करने वाले, भड़काने वाले या फिर उकसाने वाले भले ही कोई भी हों लेकिन वीडियो को दिख रहा है कि पूरे मामले में युवाओं और नाबालिग लड़कों को आगे किया गया।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक गिरफ्तार 68 आरोपियों में से 42 आरोपी 18 से 30 आयुवर्ग के हैं। वहीं 31-40 आयु वर्ग के नौ, 41-50 आयु वर्ग के सात और 50-60 आयु वर्ग के पांच आरोपी हैं। जबकि पांच आरोपियों की उम्र का आंकड़ा नहीं मिल पाया है।

आलम यह है कि हिंसा के दौरान पेट्रोल बम बनाने के लिए ज्वलनशील पदार्थ सप्लाई करने वाले 20 वर्षीय अरबाज से लेकर पेट्रोल बम का इस्तेमाल करने वाले मोहम्मद फैजान और शहजाद तक 30 वर्ष से नीचे हैं। पुलिस के मुताबिक फैजान और शहजाद ने ही मुखानी पुलिस की गाड़ी में आग लगाई थी।

कुछ ने पढ़ाई छोड़कर शुरू कर दिया रोजगार
जेल में बंद हल्द्वानी हिंसा के युवा आरोपी शिक्षित भी हैं। हालांकि शिक्षा का प्रतिशत कम ही है। जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार युवाओं में 8-10 आरोपी ग्रेजुएट, 3-5 पोस्ट ग्रेजुएट और दो आरोपी हाईस्कूल पास आउट हैं।

वहीं अधिकतर युवा हाईस्कूल से भी नीचे की पढ़ाई किए हुए हैं। कुछ युवा ऐसे भी हैं, जिन्होंने शुरुआत में ही पढ़ाई छोड़कर रोजगार करना शुरू कर दिया।

महिलाओं से भी हो चुकी है पूछताछ

कई फुटेज और वीडियो पुलिस के हाथ लगे हैं, जिनमें महिलाएं भी पथराव करती दिखाई दी हैं। सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने कई महिलाओं से भी पूछताछ की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी तक करीब 150 से भी ज्यादा महिलाओं से पूछताछ हो चुकी है।

अस्थाई जेल में पूछताछ, निर्दोष लोगों को भेजा घर
गौलापार स्थित कुंवरपुर इंटर कॉलेज में प्रशासन की अनुमति से अस्थाई जेल बनाई थी। अभी तक मामले की जांच के दौरान करीब 300 से ज्यादा लोगों को पुलिस पूछताछ के लिए वहां ले जा चुकी है। करीब 185को पूछताछ के बाद घर भेज दिया गया।

यह वह लोग थे, जिनकी हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता नहीं मिली है। बड़ी संख्या में लोगों से पूछताछ के बाद उनके पास से मिले सुराग के आधार पर पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है। एसएसपी पीएन मीणा ने बताया,अभी तक जितने भी लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें अधिकतर युवा हैं। लगातार सीसीटीवी फुटेज जांची जा रही है। जल्द अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

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