समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत उत्तराखंड में शादी का पंजीकरण अब अनिवार्य होने जा रहा है। संहिता लागू करने के लिए नियमावली बनाए जाने की तैयारी शुरू हो गई। सूत्रों के अनुसार विवाह पंजीकरण संबंधित ज्यादातर कार्य डिजिटल माध्यम से कराए जाएंगे।इसके लिए पोर्टल के साथ ही ऐप की सुविधा भी दी जा सकती है। समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा से पारित किए जाने के बाद पुष्कर सिंह सरकार इसकी नियमावली बनाने के लिए भी कमेटी का गठन कर चुकी है।
नियमावली मुख्य तौर पर ऐक्ट को लागू करने की प्रक्रियाओं को तय करेगी। पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता वाली इस कमेटी की पहली बैठक 24 फरवरी को देहरादून में होने जा रही है। सूत्रों के अनुसार कमेटी नियमावली में ही विवाह पंजीकरण के लिए पोर्टल के साथ ही ऐप बनाए जाने की शर्त रख सकती है।
साथ ही विवाह पंजीकरण के लिए ग्रामीण स्तर पर पंचायत सचिव और नगर निकाय स्तर पर प्राधिकृत अधिकारियों को जिम्मेदारी दे सकती है। अभी विवाह पंजीकरण स्वैछिक तौर पर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में होता है।अनिवार्य पंजीकरण की स्थिति में यह काम अलग- अलग स्तर पर विभाजित किया जाना जरूरी हो गया है। सूत्रों के अनुसार कमेटी पहले ही यूसीसी लागू करने के लिए खाका खींच चुकी है, इस कारण नई कमेटी को नियमावली लागू करने में बहुत समय नहीं लगेगा।
कमेटी के स्वरूप में किया गया बदलाव
पुष्कर सिंह धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता की नियमावली तैयार करने के लिए पूर्व में गठित कमेटी के स्वरूप में बदलाव कर दिया है। पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में दस फरवरी को गठित इस कमेटी में पहले नौ सदस्य बनाए गए थे, अब इसमें पांच सदस्य ही रखे गए हैं, जिसमें आईटी बैकग्राउंड के एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा सदस्य बनाए गए हैं।
इसके साथ ही कमेटी में अब अपर सचिव कार्मिक, पंचायतीराज, शहरी विकास और वित्त को नोडल अधिकारी के तौर पर शामिल किया गया है, पहले उक्त सभी सदस्य के तौर पर शामिल थे। जबकि दून विवि की वीसी प्रो. सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ पूर्व की तरह समिति के सदस्य बने रहेंगे।