आग लगाने को कहीं से पैसा तो नहीं आया; हल्द्वानी हिंसा में दंगाइयों के बैंक खातों तक पहुंची पुलिस की जांच

हल्द्वानी के वनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड समेत फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने धासूं प्लान बनाया है। हल्द्वानी में आगजनी की घटना को अंजाम देने के लिए कहां से पैसा आया है, और कहां खर्च हुआ? पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही है। पुलिस आरोपियों को अब उनके बैंक ट्रांसजेक्शन से पकड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। बैंक  से जुड़े हर ट्रांसजेक्शन के बारे में जानकारी जुटाने के बाद पुलिस आगे की रणनीति बनाएगी।

विदित हो कि हल्द्वानी हिंसा में शामिल फरार दंगाइयों के घरों की कुर्की की जा चुकी हे। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए वनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड समेत सभी नौ वांटेड आरोपियों के बैंक खातों की उपद्रव से पहले की हिस्ट्री खंगाली जाएगी।उपद्रव के लिए किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन की आशंका होने पर खाते फ्रीज करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं बैंक खातों के ट्रांजेक्शन से पुलिस लोकेशन ट्रेस करने की भी कोशिश कर रही है। वांटेड फरार आरोपियों की कुर्की हो चुकी है।

मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक, उसके बेटे मोईद के बैंक खातों पर पुलिस नजर रखे है। सूत्रों के मुताबिक अब मलिक समेत उसकी पत्नी व अन्य परिजनों के बैंक खातों को खंगाला जाएगा।खास बात यह है कि अब उपद्रव से पहले किसके खाते से कितना लेनदेन हुआ और उनका इस्तेमाल हिंसा के लिए तो नहीं किया गया, यह जांच की जाएगी। एसएसपी पीएन मीणा ने बताया आरोपियों की हर तरह से ट्रेसिंग की जा रही है। जल्द ही आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।

हल्द्वानी कारागार का लोड बढ़ा रहे आरोपी
हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हुई हिंसा के आरोपियों को जेल भेजना शुरू करने के साथ ही हल्द्वानी जेल प्रशासन की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। पुलिस अभी तक 58 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। हल्द्वानी उप कारागार में पहले से ही क्षमता से दोगुना कैदी-बंदी हैं।

ऐसे में हल्द्वानी हिंसा के आरोपियों की संख्या बढ़ने पर पर्याप्त बैरक और बंदीरक्षकों की कमी के चलते कैदी-बंदियों को शिफ्ट किया जा सकता है। शनिवार को हल्द्वानी उप कारागार में 1544 कैदी-बंदी रिकॉर्ड में दर्ज हुए।यह संख्या हल्द्वानी जेल की क्षमता से दोगुनी है। जानकारी के मुताबिक, हल्द्वानी उप कारागार में 11 बैरक हैं। इनकी क्षमता 500-700 कैदी-बंदियों को रखने की है।उप कारागार हल्द्वानी के अधीक्षक प्रमोद पांडे का कहना है कि जेल भेजे जाने वाले आरोपियों की संख्या बढ़ती है, तो जेल मुख्यालय से बात कर बंदियों की शिफ्टिंग की जाएगी।हल्द्वानी उप कारागार में फिलहाल दो नई बैरकें तैयार हो चुकी हैं और एक निर्माणाधीन है। जेल भेजे जाने वाले आरोपियों की संख्या बढ़ती है, तो जेल मुख्यालय से बात कर कैदी-बंदियों की शिफ्टिंग की जाएगी।

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