राजस्थान के उदयपुर में चाकूबाजी की घटना के बाद शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। शिक्षा विभाग ने द्वारा जारी आदेश के मुताबिक विद्यार्थियों द्वारा स्कूल में किसी भी प्रकार की नुकीली चीज चाकू, कैंची या अन्य धारदार हथियार जैसी लाने को लेकर प्रतिबंध लगाया है। वहीं संस्था प्रधान को इस आदेश को नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा स्कूल के शिक्षकों को नियमित रूप से रेंडम तरीके से विद्यार्थियों के बैग और अन्य सामान की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं।
जारी आदेश में भारत की संस्कृति ‘अहिंसा परमो धर्म के मूल्य का महत्व समझाकर अहिंसा का जिक्र करते हुए स्कूल में सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने के लिए भय मुक्त परिवेश प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के प्रतिबद्ध को दोहराते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की बात कही गई है।
आदेश में साफ तौर पर संस्था प्रधान को ऐसी जानकारी नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने और अभिभावक और शिक्षकों के बीच भी इसकी चर्चा कर इसकी पालना करने के निर्देश दिए गए है। इसके अलावा आदेश में शिक्षकों को भी इसको लेकर निर्देश देते हुए विद्यार्थियों के बैग और अन्य सामान की नियमित रेंडम तरीके से जांच करने और इस तरह की घटनाओं से होने वाले प्रभाव का जिक्र किया है।
आदेश में कहा गया है कि किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, नुकीली वस्तुएं आदि लानी निषिद्ध रहेगी। इसके तहत किसी भी प्रकार के धारदार हथियार जैसे चाकू, छुरी, धारदार कैंची, या किसी भी नुकीली वस्तु को विद्यालय में लाना सख्त मना है। ऐसे किसी भी क्स्तु का लाना एवं प्रयोग, सुरक्षा और अनुशासन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।