केंद्रीय परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने विभाग मिलने के बाद हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में कहा कि देश के साथ पहाड़ों पर सुरक्षित सफर उनकी प्राथमिकता होगा। इसके लिए जल्द ही एक रोडमैप तैयार कर वरिष्ठ मंत्री से चर्चा करेंगे।उन्होंने कहा कि भाजपा की पिछली सरकार में कैलास मानसरोवर तक सड़क पहुंची थी। सड़कों का विस्तार इसी तरह अंतिम छोर तक जारी रहेगा। टम्टा ने कहा कि देश में सड़क हादसे बड़ी समस्या हैं। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं है।
इस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस प्लान बनाने की जिम्मेदारी है। पहाड़ और मैदान के लिए अलग-अलग खाका खींचा जाएगा क्योंकि दोनों ही जगहों पर हादसों की अलग प्रवृत्ति है। पहाड़ों पर सड़कों के चौड़ीकरण के साथ ही भू-स्खलन के खतरों को झेलने वाली सड़कें तैयार करनी होंगी।ऑलवेदर रोड एक बेहतरीन विकल्प बना है। इसमें और सुधार कर यात्रियों को सुरक्षित सफर दिया जाएगा। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ वह काम करेंगे। प्राथमिकता रहेगी कि केंद्रीय परिवहन मंत्री के निर्देशों पर लोगों को बढ़िया सड़क सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सड़कों पर दुर्घटना रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को केंद्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाए जाने से उत्तराखंड में सड़कों के विकास में तेजी की उम्मीद जगी है। साथ ही सीमांत सड़कों की स्थिति में सुधार होगा, केंद्र में लटके एनएच के प्रस्तावों को मंजूरी मिलेगी।अटल बिहारी वाजयेयी सरकार में भुवन चंद्र खंडूड़ी को सड़क परिवहन मंत्रालय मिला था। उन्होंने न केवल राज्य में नए एनएच स्वीकृत किए बल्कि उनके विकास के लिए बजट का प्रावधान भी कराया। इसी का परिणाम था कि चारधाम की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया।
अधर में लटके हैं हाईवे बनाने के प्रस्ताव
राज्य की जिन सड़कों को एनएच के रूप में नोटिफाई किए जाने का प्रस्ताव है उनमें 189 किमी लम्बी काठगोदाम- भीमताल – धानाचुली- मोरनोला- खेतीखान- लोहाघाट- पंचेश्वर मार्ग, बुआखाल – देवप्रयाग गोटर मार्ग, देवप्रयाग- गजा- खाड़ी मोटर मार्ग, पांडुखाल- नागचुलाखाल – उफरखाल- बैजरों मोटर मार्ग और बिहारीगढ़ रोशनाबाद सड़क है।